लखनऊ, 04 सितंबर। मिड़ डे मील को अक्षयपात्र को देने की उव्वस्तरीय जांच की मांग आज आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) ने की है। आइपीएफ के प्रदेश संगठन महा सचिव दिनकर कपूर ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि लखनऊ में मिड़ डे मील में अक्षयपात्र संस्था के खाने से 80 से भी ज्यादा बच्चों के बीमार होने के बाद कल जिलाधिकारी लखनऊ द्वारा संस्था अक्षयपात्र की जांच से यह बात स्पष्ट हो गयी है कि उ0 प्र0 की अखिलेश सरकार बच्चों की जिदंगी के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं उद्धाटन करके लखनऊ समेत प्रदेश के कई जनपदों में अक्षयपात्र को मिड़ डे मील में भोजन देने कार्य दिया था। जिसके परिणामस्वरूप मिड़ डे मील में कार्यरत हजारों रसोईयों की नौकरी चली गयी। आज यह हाल है कि इतनी भीषण गर्मी में अक्षयपात्र द्वारा 10 धण्टे पहले बनी रोटियां और 7 धण्टे पहले बनी सब्जी बच्चों को दी जा रही है। गुणवत्ता के मानकों का कोई भी पालन नहीं हो रहा। यहीं नहीं कई जगह तो खाने में कीड़े तक मिले है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णयों में और खाद्य सुरक्षा कानून में स्पष्ट तौर पर हर बच्चों को विद्यालय में ही गर्म और ताजा खाना बनाकर देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बड़े पैमाने पर कमीशन खोरी के लिए ही  मिड़ डे मील को अक्षयपात्र को दिया गया है इसकी जांच होनी चाहिए और इस संस्था से काम खत्म कर पुनः मिड़ डे मील को विद्यालय में रसोईयों से बनवाना चाहिए।