लखनऊ, 08 सितम्बर। राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र की जून से लेकर सितम्बर तक की रिपोर्ट के अनुसार उ0 प्र0 के 52 जिलों में सामान्य से बेहद कम बारिश हुई है और सूखे के हालात हंै। कल बुंदेलखण्ड़ में सूखे के कारण बर्बाद हुई फसल के कारण किसान की मौत हो चुकी है। इसलिए उ0 प्र0 सरकार को चाहिए कि तत्काल प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करे और सूखे के कारण प्रभावित किसान, खेत मजदूर और बटाईदार समेत हर परिवार को प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय के बराबर धनराशि दे, किसानों के कर्जों को माफ करे, हर प्रकार की वसूली पर रोक लगाएं। इस सम्बंध में आइपीएफ समेत प्रदेश की सामाजिक न्याय, किसान आंदोलन व नागरिक आंदोलन की ताकतें 14 सितम्बर को लखनऊ में बैठक कर जन अभियान की रणनीति बनायेंगी। यह बातें आज प्रेस को जारी अपने बयान में आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहीं।           
      उन्होंने कहा कि प्रदेश भयंकर सूखे की चपेट में है, जिसमें बंुदेलखंड और अवध के स्थिति तो बहुत ही बुरी है। रबी की फसल में किसान ओलावृष्टि और बेमौसम बरसात का कहर झेल ही चुके हैं, ऐसे में सूखे के कारण किसानों के समक्ष जीने का संकट पैदा हो गया है और लोग भुखमरी की हालत में पहुंच गए हैं। चित्रकूट जिले के बाबूपुर गांव के किसान नत्थू यादव की फसल सूखने के कारण सदमें से हुयी मौत इन्हीं विकट पस्थितियों का नतीजा है। इसलिए सरकार तत्काल यदि राहत के समुचित प्रबंध नहीं करती है तों स्थितियां और भी बदतर हो जाएंगी।