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14 जुलाई 2025 को, भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर विभाजनकारी या आपत्तिजनक सामग्री को लेकर आत्म–नियमन (self-regulation) की ज़रूरत ज़ोर देकर कही। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को संतुलित करते हुए ज़रूरतमंद कानून लागू किए जाएँ, परंतु कठोर सेंसरशिप का उपयोग न हो।